मंगलवार, 28 जुलाई 2020

नव-तरंग जून अंक का लिंक https://online.fliphtml5.com/stcdl/ymwg/

(बाल कविता ) लोमड़ी करती मोलभाव 


चली लोमड़ी बन-ठन बाज़ार।
लाऊँ झोला भरकर शाक।।

आलू कैसे दिया है भाई।
दाम सुन थोड़ी हिचकाई।।

बोली मैं टिण्डा ले लूँगी।
पर दाम आधा ही दूँगी।।

बहन मैं लौकी, टिण्डा दूँगा।
दाम भी चलो मुनासिब लूँगा।।

वो बोली बैंगन के लगाना।
साथ में प्याज मुफ्त थमाना।।

झट वो लेकर भागा शाक।
लोमड़ी रगड़ती रह गई नाक।।

रचनाकार-
आयुषी अग्रवाल (स०अ०)
कम्पोजिट विद्यालय शेखूपुर खास
कुन्दरकी (मुरादाबाद)
पता- रामलीला मैदान के सामने कुन्दरकी, मुरादाबाद

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(बाल कविता ) लोमड़ी करती मोलभाव  चली लोमड़ी बन-ठन बाज़ार। लाऊँ झोला भरकर शाक।। आलू कैसे दिया है भाई। दाम सुन थोड़ी हिचकाई।। बोली मैं टिण्डा ले ल...